अध्यापक को गुड मार्निंग बोला तो मिला थप्पड़

अध्यापक को गुड मार्निंग बोला तो मिला थप्पड़ 

 बात  2009 की है  हम सब बच्चे अपनी अपनी कक्षा में बैठे थे | पहला पीरियड शुरु हुआ हिंदी के  अध्यापक आये | तभी हम बच्चों में से एक बच्चे ने अध्यापक से कहा कि सर जी गुड मार्निंग| तभी  अध्यापक जी उसके पास आये और उसे पकड़ कर थप्पड़ -थप्पड़ मारा और कहा अंग्रेज चले गये पर  अंग्रेजी छोड़ गए | फिर सभी बच्चों से कहने लगे कि जब भी कोई आये तो उससे नमस्कार बोलो, प्रणाम करो और उनके  पैर छुओ यही हमारे भारत के  संस्कार है |  क्या हम सबको भारत में रह कर अंग्रेजी बोलना/ नहीं बोलना  चाहिए ? बोलना चाहिए | भारत अब वह भारत नहीं रहा जब शिक्षा के लिए गुरुकुल हुआ करते थे , लोग एक दुसरे को राम राम या नमस्कार करते थे , लोगों के प्रति प्रेम का भाव था अब वह  नहीं रहा क्योंकि भारत वही है पर यंहा के लोग बदल गए है, यंहा के रीति रिवाज , संस्कार , समाज ,बोलचाल ,रहन सहन , भाषा आदि सब कुछ  बदल गया है |
आदिकेशव , कक्षा -8
डेंजर स्कूल का एक छोटा सा बच्चा .....

ड्रेस और यूनीफ़ॉर्म में अंतर....

ड्रेस और यूनीफ़ॉर्म में अंतर .....
हमारे कानपुर के प्रतिष्ठित सरकारी स्कूल में पंद्रह अगस्त २००९ के एक दिन पहले की बात है | विज्ञान के अध्यापक जी विज्ञान पढ़ा रहे थे , तभी नीचे ऑफिस से सन्देश आया कि कल पंद्रह अगस्त है इसलिए सभी छात्र अपनी-अपनी यूनीफ़ॉर्म साफ-सुथरा धुलकर और प्रेस करके तब पहनकर आएंगे | एक लड़के ने विज्ञान के अध्यापक जी से पूंछा कि सर कौन सी ड्रेस पहनकर आना है ? अध्यापक जी उस लड़के के पास गए और उसके गाल पर खींचकर एक थप्पड़ मारा ,फिर उसे बताया कि जो कपड़े, तुम घर में पहनते हो उसे ड्रेस कहते हैं और जो तुम स्कूल में पहनकर आते हो उसे यूनीफ़ॉर्म कहते हैं |
आदित्य, कक्षा ८, कानपुर
डेंजर स्कूल का एक छोटा सा बच्चा