शीर्षक : बच्चे भी कम नहीं

                 बच्चे भी कम नहीं 
हमारे स्कूल के अध्यापक ही कम नहीं बल्कि बच्चे भी बड़े शैतान हैं | एक दिन अध्यापक  जी संस्कृत पढ़ाने के लिए आये, जैसे ही उनका घंटा समाप्त हुआ और वह जाने लगे | तभी बच्चे शोर मचाकर अपनी - अपनी शीट बजाने लगे | अध्यापक जी ने कहा कि यदि तुम लोग इसी तरह से बदतमीजी करोगे तो मैं कक्षा में पढ़ाने  नहीं आऊंगा | चाहे तुम्हारा काम छूटे या न छूटे मैं तुम्हारी कक्षा में पढ़ाने के लिए नहीं आऊंगा | यह बात कान खोल कर सुन लो |
                                                 डेंजर स्कूल का एक छोटा - सा बच्चा ......
                                                                                                   नाम:  अक्षय कुमार  
                                                                                                    कक्षा : 8th
 

शीर्षक : उल्टा खड़े होने पर पड़ी अध्यापक की लात

उल्टा खड़े होने पर पड़ी अध्यापक की लात
एक दिन मेरी कक्षा का एक बच्चा सुबह के समय बाहर गैलरी में दोनों हाथ और अपनी खोपड़ी नीचे करके उल्टा खड़ा हो रहा था , उधर  सामने से एक अध्यापक जी ने उसे देख लिया | फिर वह उसके पास आये और उसे खड़ा करके कई थप्पड़ , कई घूंसे व एक लात भी मारी | आप ही लोग सोचिये कि यदि इसी तरह से सभी अध्यापक हो गए तो बाकी के सभी बच्चों का क्या होगा ? मैं मानता हूँ कि उस बच्चे कि गलती थी , तो उसे दूसरी तरह से भी तो समझाया जा सकता था | क्या सभी अध्यापकों के  पास मारपीट के अलावा कुछ और तरीका नहीं पता ?  कम से कम इतना तो पता ही होना चाहिए क़ी बच्चों के साथ किस तरह का व्यवहार करना चाहिए | 

डेंजर स्कूल का एक छोटा सा बच्चा .......
नाम : अक्षय कुमार 
कक्षा : 8th

शीर्षक : टॉयलेट करने जाने पर पड़ा थप्पड़

शीर्षक : टॉयलेट करने जाने पर पड़ा थप्पड़
कुछ दिनों पहले की बात है कि हमारी छमाही परीक्षा हो रही थी ; जो कि आज ही समाप्त हुई है | मैं आज यह कहने जा रहा हूँ कि एक बच्चे को जब टॉयलेट लगी तो उसने अध्यापक जी से पूछा कि सर जी टॉयलेट करने चले जाएँ , तो सर ने कहा कि यदि तुम जाओगे तो लौटने पर एक थप्पड़ जरुर मरूँगा | बच्चा चला गया और जब वह वापस लौटकर आया तो वाकई में उसे एक थप्पड़ अध्यापक जी ने मारा |



   डेंजर स्कूल का एक छोटा सा बच्चा ......
 नाम  : आदित्य तिवारी 
 कक्षा : 8th

शीर्षक : बिना कार्य दिए बच्चों से पाठ सुनकर करी उनकी खूब पिटाई

 बिना कार्य दिए बच्चों से पाठ सुनकर करी उनकी खूब पिटाई 
आज हमारी कक्षा में पहला पीरियड चल रहा था | तभी विज्ञान पढ़ाने वाले अध्यापक जी आये और हम सभी से बोल गए की तुम लोग विज्ञान याद करो और हम तीसरे पीरियड में आकर सुनेंगे | इतना कहकर वह चले गए | सभी बच्चों को अपना पहले खाली पीरियड में हिंदी का कार्य करना था , तो वो अपना कार्य कर रहे थे | इसलिए किसी ने याद नहीं किया | फिर दूसरे पीरियड में संस्कृत सर जी सुनने के लिए आये | इसके बाद तीसरे पीरियड में विज्ञान के अध्यापक जी आये और वह आते ही सभी से सुनने लगे | शायद एक या दो लोग बच गए थे , बाकी के सभी बच्चे मार खाए थे |  तो भाइयों इस तरह के हमारे स्कूल में अध्यापक लोग हैं जो कि किसी दूसरे अध्यापक जी के पीरियड में आकर अपना काम देकर चले जायेंगे और फिर अपने पीरियड में आकर बच्चों से सुनकर उनकी खूब पिटाई करेंगे |

 डेंजर स्कूल का एक छोटा सा बच्चा ........
 नाम : आदित्य तिवारी
 कक्षा : 8th 
 

शीर्षक : मार खाने से बचने पर ख़ुशी से झूमे बच्चे

 मार खाने से बचने पर ख़ुशी से झूमे बच्चे 
आज हमारे स्कूल में दूसरा पीरियड चल रहा था , जिसमें कि अध्यापक जी को संस्कृत सुनना था , लेकिन वह सुनने के लिए नहीं आये | जब तक पीरियड चलता रहा , तब तक सभी बच्चों की निगाहें  एक दूसरे के हाथों कि घडी को देखने में थीं, और उनसे पूछते रहे कि इस समय कितना बजा हुआ है ?  तब तक पीरियड ख़त्म हो गया | जैसे ही पीरियड ख़त्म हुआ , बच्चे ख़ुशी के मारे झूमने लगे | जानते हैं कि वो क्यों ख़ुशी थे ? क्योंकि उन सभी बच्चों को संस्कृत याद नहीं थी , इसलिए मार से बचने के कारण सभी ख़ुशी के मारे झूम उठे | 

 

 डेंजर स्कूल का एक छोटा सा बच्चा ....
 नाम : आदित्य तिवारी 
 कक्षा :  8th

शीर्षक : बेमतलब में पड़ी मार तो निकला खून

  बेमतलब में पड़ी मार तो निकला खून
कक्षा 7 कि बात है कि एक दिन कुछ बच्चे शोर मचा रहे होंगे , क्योंकि पीरियड खाली था, और मोनीटर ने एक बच्चे की शिकायत बिना गलती किये अध्यापक जी से जाकर कर दी | अध्यापक जी आये और उन्होंने उसको इस तरह पीटा कि उसकी नाक से खून निकलने लगा | क्या यह न्याय है जहाँ पर बच्चों को बिना उनकी गलती पर उन्हें इस तरह से पीटते हैं ? आप लोग ही बताइए की यह उचित है या नहीं |
डेंजर स्कूल का एक  छोटा सा बच्चा................ 
देवेन्द्र कुमार 
कक्षा - 7

शीर्षक : अध्यापक को चिढाने पर छिन गयी बच्चों की ख़ुशी

अध्यापक को चिढाने पर छिन गयी बच्चे की ख़ुशी
एक दिन की बात है हम सब बच्चे पढ़ रहे थे तभी हमारी कक्षा के बगल से एक अध्यापक जी जा रहे थे , तो एक लड़के ने उनको कहा  "सूखी" | वो चिढ गए और वह कक्षा में आये और जिसने "सूखी" कहा था | उसको 5 -6 डंडे मारे और कहने लगे कि तुम लोग कभी "सूखी" नहीं रहोगे |
डेंजर स्कूल का एक छोटा सा बच्चा ..........
नाम - ध्रुव
कक्षा -9

शीर्षक : काम न पूरा होने पर हुई जमकर पिटाई

 काम न पूरा होने पर हुई जमकर पिटाई 
मेरी कक्षा में एक अध्यापक जी हैं वह संस्कृत पढ़ाते हैं | एक दिन वह सब बच्चों कि कॉपी चेक कर रहे थे , उस दिन इक बच्चे का कार्य किसी कारणवश पूरा नहीं हो पाया तो उसको इतना मारा -इतना मारा कि एक मोटा डंडा जो कि एक फंटी थी | उसके चार - पांच टुकड़े हो गए | मैं तो ऐसी मार देखकर डर गया कि कहीं अगर ऐसी मार मुझे पड़  गई तो मेरा क्या होगा ? क्योंकि मैं तो बहुत पतला- दुबला  हूँ | 
 
 डेंजर स्कूल का एक छोटा सा बच्चा...............
नाम : आदित्य तिवारी 
कक्षा : 8  



 

शीर्षक : गलती एक की सजा पूरी कक्षा को

गलती एक की सजा पूरी कक्षा को 
 कक्षा 7 की बात  है कि सभी बच्चे अपना अपना कार्य कर रहे थे, क्योंकि वह पीरियड खाली इसलिए कोई एक बच्चा शोर मचा रहा था तभी  एक अध्यापक जी आये और उन्होंने सब को खड़ा कर दिया और चार -चार डंडे मारकर सबको कहा कि हाथ ऊपर करके खड़े हो जायो | दोस्तों ये है ऐसा स्कूल जहाँ पर एक को नहीं बल्कि सभी को सजा मिलती है |
 डेंजर स्कूल का छोटा सा बच्चा .... 
आदित्य तिवारी
कक्षा - 7

शीर्षक : स्कूल से कॉपी नहीं खरीदा तो पड़ी डांट , और नहीं चेक हुई कॉपी

 - स्कूल से  कॉपी नहीं खरीदा तो पड़ी डांट , और नहीं चेक हुई कॉपी - 
कक्षा 8 कि बात है कि अंकगणित के अध्यापक जी आये , वह सभी की कापियां चेक कर रहे थे | हम सभी बच्चों में से एक बच्चा गया कॉपी चेक कराने के लिए अध्यापक ने उसकी कॉपी देखा और कहने लगे की तुमने स्कूल से कापियां नहीं खरीदी हैं , इसलिए तुम्हारी कॉपी नहीं चेक होगी | जब तुम स्कूल से कापियां खरीद लोगे तब तुम्हारी कॉपी चेक होगी | कम दाम में स्कूल से तो कापियां मिलती नहीं हैं , इस कारण से उसने कम दाम में कापियां बाहर से खरीद ली थीं | अब उसको क्या पता था कि स्कूल से कॉपी नहीं खरीदी है इसलिए मेरी कॉपी नहीं चेक होगी ? वह बहुत उदास हुआ और उसने सोचा कि अब मैं कापियां कहाँ से लाऊंगा और कैसे कार्य पूरा करूँगा ?
डेंजर स्कूल का एक छोटा सा बच्चा .......
नाम : आदिकेशव 
कक्षा : 8