हमारा डेंजर स्कूल
डर, घबराहट.... नियम कायदे बेवजह.... जेल जेलर और कैदी जैसे माहौल .... डंडे, मुक्के, गाली, अपमान..... और कभी कभी तो खून बहना, कान फटना, हाथ पैर टूटना, सर फूटना..... ये सब है इन जीवंत कहानियों में..... जो हम आपको सुनाते रहेंगे बताते रहेंगे...... अपनी मस्ती भी मजाक भी अपने इरादे भी....... हँसी भी रुदन भी.... कोशिश करेंगे सब कुछ आपसे बांटने की.... हम और हमारा स्कूल..... जंहा रोज़ जन्म लेती है नई कहानिया और किस्से भी.... ये कहानियां ही नहीं है हमारी जिंदगी भी है जो हम रोज जीते है..... हर पल उसे महसूस करते हैं ... आप भी गुजारे होंगे ये पल... अपने बचपन के दिनों में अपने स्कूल में ....हमें आज ये मौका मिला है की हम जो पल जी रहे है ....अपने स्कूल में वो आपसे बाँट सके..... .....
स्कूल के बच्चे
February 17, 2010 at 1:54 PM
रोचक! आपकी आैर पोस्ट का इंतजार रेहेगा।