बच्चों को कोचिंग पढने के लिए मजबूर करते अध्यापक

बच्चों को कोचिंग पढने के लिए मजबूर करते अध्यापक

कक्षा सात की बात है| हम सभी लोग उस समय पहली बार किसी सरकारी स्कूल में गए थे, इससे पहले हम सब कभी किसी सरकारी स्कूल में नहीं गए थे | उस स्कूल के अध्यापकों के विषय में ज्यादा जानकारी नहीं थी | जैसे ही हम लोग अपनी - अपनी कक्षा में गए, वैसे ही कुछ लड़के हम लोगों के पास मिलने आये और बातचीत करने लगे और अध्यापकों के मारने के विषय में बताने लगे, पर हम लोगों को उन लड़कों की बातों पर यकीन नहीं हो रहा था | कुछ समय के बाद पढाई शुरु हुई, गणित के अध्यापक गणित के सवाल बोर्ड में लगवा रहे थे कि एक लड़के ने अध्यापक जी से पूंछ लिया कि सर ये सवाल कैसे लगाया है ? फिर से बता दीजिये ताकि मुझे समझ में जाये | अध्यापक जी ने उसे अपने पास बुलाया और उसे दो थप्पड़ मारे और उससे कहने लगे कि ज्यादा समझना है तो कोचिंग में पढ़ने आना समझे , और कहा कि चुप - चाप जाकर अपनी सीट में बैठ जाओ | तब जाकर मुझे उन लड़कों की बातों पर यकीन हुआ कि वाकई में यह स्कूल एक डेंजर स्कूल है | मन में ये भी सवाल उठता है कि सरकारी मोटी वेतन पाने वाले ये अध्यापकों का कब पेट भरेगा ? सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले हम बच्चों का ये शोषण करना कब बंद करेंगे। . हम जैसे गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा, इन सरकारी स्कूलों में क्या कभी मिल सकेगी .......



आदित्य कुमार , कक्षा ८
डेंजर स्कूल का एक छोटा सा बच्चा .....

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